ना सिर्फ माइक्रोकैप्स बल्कि नैनो कैप स्टॉक्स में भी MF लगाते हैं पैसा, क्या इनमें से कोई है आपके पास
नैनो-कैप कंपनियों का मार्केट कैप 5 करोड़ डॉलर यानी कि 370 करोड़ रुपये से कम होता है
Investopedia के अनुसार नैनो-कैप कंपनियों का मार्केट कैप 50 मिलियन डॉलर (370 करोड़ रुपये) से कम होता है और इन्हें सबसे जोखिम भरा माना जाता है। इसमें वृद्धि की संभावना व्यापक रूप से अलग-अलग होती है। भारतीय म्यूचुअल फंड भी ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं। इनमें से ज्यादातर 7 रुपये से 50 रुपये के मौजूदा बाजार मूल्य वाले पेनी स्टॉक हैं। यहां घरेलू म्युचुअल फंड्स द्वारा अपने पोर्टफोलियो में रखे गए नैनो मार्केट कैपिटलाइज़ेशन शेयरों की सूची दी गई है। ये पोर्टफोलियो डेटा 31 जनवरी, 2021 तक के मुताबिक है और इसका स्रोत ACEMF है। ध्यान दें कि इन स्टॉक्स की सिफारिश नहीं की जा रही हैं बल्कि ये केवल जानकारी मुहैया कराने के उद्देश्य से हाइलाइट किए गए हैं।
नैनो कैप स्टॉक SEBI या AMFI द्वारा परिभाषित नहीं हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक ये ऐसे शेयर हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 370 करोड़ रुपये से कम होता है। इनमें उच्च रिटर्न मिलता है और साथ ही इनमें उच्च-जोखिम भी बना रहता है। जानते हैं कौन से वे शेयर हैं जिनमें घरेलु म्युचुअल फंड्स ने पैसा लगा रखा है-
City Online : उच्च जोखिम निवेश चेतावनी बीएसई पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस कंपनी का मार्केट कैप 3.5 करोड़ रुपये है। अलग-अलग म्युचअल फंड्स के पोर्टफोलियो में कंपनी के 200000 शेयरों की होल्डिंग है। इस टेलीकॉम कंपनी के शेयर DSP Equity Opportunities Fund के पास 2017 से हैं। बीएसई पर इसका शेयर 18 फरवरी 2022 को 6.79 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
शेयर बाजार में जोखिम बढ़ा, उदय कोटक ने गिनाई बड़ी वजहें
उदय कोटक के बारे में जान लीजिए, वो जब बोलते हैं बहुत संभलकर बोलते हैं. वो देश के सबसे अमीर बैंकर और कोटक महिंद्रा बैंक के वाइस चेयरमैन हैं. उदय ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जो कहा वो शेयर बाजार में सीधे और म्युचुअल फंड के जरिए निवेश करने वालों के होश और नींद दोनों उड़ाने के लिए काफी है.
जो पैसा आ रहा है वो कहां जा रहा है?
कोटक ने माना कि लोगों ने बचत का तरीका बदल दिया है और अब वो फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह परंपरागत निवेश के बजाए म्युचुअल फंड या फिर सिस्टैमेटिक प्लानिंग की तरह सेविंग कर रहे हैं.
उदय कोटक को इस बात की फिक्र है कि शेयर बाजार की तूफानी रफ्तार में देश की भारी भरकम बचत की रकम, सिर्फ चुनिंदा शेयरों में ही लग रही है. कोटक ने जो कहा है उसे समझिए.
पैसा चारों तरफ से आ रहा है और भारतीय निवेशकों का भारी-भरकम निवेश सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयरों में लग रहा है. फिर वही सवाल उठता है कि इन कंपनियों की कॉरपोरेट गवर्नेंस कितनी अच्छी है. छोटे और मिडकैप शेयरों में जितनी बड़ी रकम जा रही है उससे हम मुश्किल सवाल पूछने से नहीं बच सकते. आप ये सारा पैसा ऐसी संकरी नली में ठूंस रहे हैं जिससे बबल बनने का खतरा है.
कोटक की चेतावनी समझना जरूरी
उदय कोटक की बात इसलिए भी अहम है क्योंकि उनकी अगुआई में मार्केट रेगुलेटर सेबी की एक कमेटी ने शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के कॉरपोरेट गवर्नेंस में बदलाव के सुझाव दिए हैं.
ये सोचिए शेयर बाजार में पैसा कहां-कहां से आ रहा है. EPFO का पैसा, इंश्योरेंस का पैसा, पेंशन, म्युचुअल फंड का पैसा. ऐसे में लोगों को लग रहा है कुछ भी गलत नहीं हो सकता. लेकिन अब लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है.
उन्होंने माना कि आर्थिक हालात सुधर रहे हैं लेकिन शेयरों के भाव उससे कहीं ज्यादा रफ्तार से भाग रहे हैं. शेयरों में ये तेजी सिर्फ और सिर्फ मनी पावर के दम पर ही है.
नोटबंदी के बाद जिस तरह से म्युचुअल फंड में पैसा आया है उससे सेंसेक्स और निफ्टी हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं.
अच्छी कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी
प्राइवेट बैंकों में बढ़ती विदेशी हिस्सेदारी पर भी कोटक चिंतित हैं. उन्होंने कहा इससे विदेशी निवेशकों को फायदा हो रहा है जबकि फायदा घरेलू निवेशकों को मिलना चाहिए उच्च जोखिम निवेश चेतावनी था. उन्होंने कहा जैसे HDFC में 80 परसेंट हिस्सेदारी विदेशी है. यानी घरेलू कमाई का फायदा उठा रहे हैं विदेशी निवेशक.
उदय कोटक के मुताबिक अमेरिका में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाली अमेजन, फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एपल जैसी कंपनियों के ज्यादातर निवेशक अमेरिकी हैं. कोटक ने कहा भारत ने विदेशी निवेश को आसान तो बनाया पर उसके एवज में देश की कीमती कंपनियों का मालिकाना हिस्सेदारी विदेशी हाथों में चली गई.
(इनपुट इंडियन एक्सप्रेस)
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उच्च जोखिम निवेश चेतावनी
आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022 – 13 अक्टूबर
संयुक्त राष्ट्र (UN) आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को उच्च जोखिम निवेश चेतावनी दुनिया भर में जोखिम जागरूकता और आपदा न्यूनीकरण की वैश्विक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
- यह दिन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे दुनिया भर के लोग और समुदाय आपदाओं के प्रति अपने जोखिम को कम कर रहे हैं और उनके सामने आने वाले जोखिमों पर लगाम लगाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022 का विषय “अर्ली वार्निंग” है, जो सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी और शीघ्र कार्रवाई के विस्तार में निवेश का आह्वान है।
- विषय सेंडाई फ्रेमवर्क के लक्ष्य G पर भी ध्यान केंद्रित करता है: “2030 तक लोगों के लिए बहु-खतरनाक प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और आपदा जोखिम की जानकारी और आकलन की उपलब्धता और पहुंच में पर्याप्त वृद्धि”।
i. UN महासभा (UNGA) ने 1989 में एक प्रस्ताव A/RES/44/236 अपनाया और अक्टूबर के दूसरे बुधवार को प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण (IDNDR) के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।
- प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस (IDNDR) 10 अक्टूबर 1990 को मनाया गया था।
ii. 2009 में, UNGA ने एक संकल्प A/RES/64/200 को अपनाकर इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस में बदलने का निर्णय लिया और 13 अक्टूबर को दिन की आधिकारिक तिथि के रूप में नामित किया।
- 2010 से, यह दिवस प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाता था।
प्रमुख बिंदु:
i.IDDRR 2022 सेंडाई फ्रेमवर्क की मध्यावधि समीक्षा के दौरान होता है, जो मई 2023 में एक राजनीतिक घोषणा के साथ महासभा की उच्च-स्तरीय बैठक में समाप्त होगा।
ii.2016 में, UN महासचिव ने सेंडाई सेवन अभियान शुरू करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस का उपयोग किया, जो सेंडाई फ्रेमवर्क फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (2015-2030) के सात उद्देश्यों को संदर्भित करता है।
iii. सेंडाई फ्रेमवर्क फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन 2015-2030 (सेंडाई फ्रेमवर्क) 18 मार्च, 2015 को सेंडाई, जापान में तीस UN विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था।
- यह 2015 के बाद के विकास एजेंडे का पहला बड़ा समझौता था और सदस्य राज्यों को आपदा के जोखिम से विकास लाभ की रक्षा के लिए ठोस कार्रवाई प्रदान करता है।
- UN ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (UNDRR) (जिसे पहले UN इंटरनेशनल स्ट्रैटेजी फॉर डिजास्टर रिडक्शन सेक्रेटेरिएट (UNISDR) के रूप में जाना जाता था) UN सचिवालय का हिस्सा है और यह सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन और समीक्षा का समर्थन करता है।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2022 पर वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:
i. जलवायु आपातकाल और COVID-19 महामारी के प्रणालीगत प्रभाव एक नई वास्तविकता की ओर इशारा करते हैं।
ii. अनिश्चितता की दुनिया में जोखिम को समझना और कम करना वास्तव में सतत विकास को प्राप्त करने के लिए मौलिक है।
iii. भविष्य के झटकों के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है अब प्रणालियों को बदलना, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करके लचीलापन बनाना और आपदाओं को चलाने वाली भेद्यता, जोखिम और असमानता को कम करना।
2021 में वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण:
- दुनिया भर में प्राकृतिक खतरों से संबंधित 432 विनाशकारी घटनाएं।
- अनुमानित रूप से 252 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक क्षति प्रतिवेदित थी।
- 44 फीसदी आपदाएं बाढ़ से जुड़ी हैं।
- पूर्व चेतावनी जीवन बचाती है – 24 घंटे की पूर्व चेतावनी आगामी क्षति को 30 प्रतिशत तक कम कर सकती है।
भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण:
भारत दुनिया के सबसे अधिक आपदाग्रस्त देशों में से एक है, जिसके 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 27 में चक्रवात, भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सूखा, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट जैसे आवर्ती प्राकृतिक खतरों का सामना करना पड़ता है।
UN ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (UNDRR) के बारे में:
UNDRR के प्रमुख- मामी मिजुटोरी
मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
स्थापना- 1999
बच्चों के लिए निवेश योजनाओं में पैसा लगाने से इन बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी
Child Insurance Plan: अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ आम गलतियों से बचना बेहद जरूरी है. दरअसल, माता-पिता अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत को देखते हुए चाइल्ड इंश्योरेंस या चाइल्ड इनवेस्टमेंट प्लान (Child Investment Plan) में निवेश करते हैं. हालांकि कुछ गलतियां होने की वजह से उस समय उन्हें इस निवेश के ऊपर कम रिटर्न मिलता है. बता दें कि आज के मौजूदा समय में स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक की पढ़ाई महंगी होने की वजह से अच्छी खासी फंड की जरूरत होती है. ऐसे में अगर सही समय पर निवेश की प्लानिंग की जाए तो आप अच्छा खासा फंड तैयार कर सकते हैं.
जोखिम को परखना जरूरी
निवेशक जब किसी चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान या चाइल्ड इनवेस्टमेंट प्लान में निवेश करता है तो उन्हें इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि वह कितना जोखिम उठा सकते हैं. हालांकि यह बात सही है जितना ज्यादा रिस्क होगा उतना ज्यादा रिटर्न मिलेगा, लेकिन अगर आपने बगैर सोचे समझे अपनी मेहनत का सारा पैसा निवेश कर दिया तो हो सकता है कि आपको नुकसान उठाना पड़ जाए. ऐसे में निवेश से पहले आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता को समझ लेना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए. साथ ही मध्यम स्तर के जोखिम के साथ निवेश को आगे बढ़ाना चाहिए.
महंगाई को देखते हुए करें निवेश
निवेश को महंगाई दर के साथ जोड़कर देखना जरूरी है. मान लीजिए किसी कोर्स की फीस आज 10 लाख रुपये है तो हो सकता है कि 10 या 15 साल बाद उस कोर्स की फीस 20 लाख रुपये के आस-पास हो जाए. ऐसे में किन इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जा रहा है उसका सही तरीके से आकलन करना जरूरी है ताकि आपको जब पैसे की जरूरत हो तो उस समय सही रिटर्न के साथ पैसा मिल जाए.
पहले खुद का टर्म इंश्योरेंस कराएं
चाइल्ड प्लान लेने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप खुद का टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) कराएं. दरअसल, आपकी असामयिक मृत्यु होने की स्थिति में यह इंश्योरेंस आपके पूरी परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही संकट के समय इससे आपके परिवार की काफी मदद भी होती है. टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद ही बच्चे के लिए प्लान लेना उच्च जोखिम निवेश चेतावनी चाहिए.
जल्द से जल्द निवेश की योजना बनाएं
बच्चों के लिए अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं तो उसे जितना जल्दी हो शुरू कर दीजिए. आप निवेश की प्रक्रिया को जितना देर करेंगे रिटर्न में उसी हिसाब से कमी देखने को मिल सकती है. ऐसे में बच्चे के पैदा होने के साथ ही निवेश की योजना बनाना शुरू कर देना चाहिए.
सर्वे में खुलासा! निवेश के मामले में पुरुषों से ज्यादा रिस्क लेती हैं महिलाएं, FD नहीं यहां करती हैं इन्वेस्ट
एक सर्वे के अनुसार 18 से 25 साल की महिला निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्प मसलन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के बजाय हाई रिस्क वाले विकल्पों में निवेश करने की संभावना तीन गुना अधिक रहती है.
युवा महिला निवेशक हाई रिस्क और अधिक रिटर्न देने वाली संपत्तियों मसलन शेयरों (Stocks) आदि में निवेश करना पसंद करती हैं. एक सर्वे के अनुसार 18 से 25 साल की महिला निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश विकल्प मसलन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के बजाय हाई रिस्क वाले विकल्पों में निवेश करने की संभावना तीन गुना अधिक रहती है. यह सर्वे ग्रो (Groww) ने किया है. इसमें 28,000 लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं. सर्वे में महिलाओं के निवेश लक्ष्य के बारे में भी बताया गया है.
सर्वे के अनुसार 57 उच्च जोखिम निवेश चेतावनी फीसदी युवा महिलाएं अपने निजी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश करती हैं. वहीं 28 फीसदी अपने यात्रा लक्ष्य को हासिल करने और 28 फीसदी उच्च शिक्षा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश करती हैं.
उम्र के साथ बदल जाता है निवेश का लक्ष्य
इसमें कहा गया है कि 30 लाख रुपए सालाना से अधिक वेतन वाली महिलाएं ने कहा कि जल्दी सेवानिवृत्ति लेने की वजह से वे निवेश करती हैं. 10 से 30 लाख रुपए की आमदनी वाली 36 फीसदी और 5 से 10 लाख रुपए सालाना कमाने वाली 26 फीसदी महिलाओं ने यही बात कही. वहीं 35 साल से अधिक आयु की 64 फीसदी महिलाओं का कहना था कि वे शादी और बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश कर रही हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश महिलाओं का सबसे पसंदीदा विकल्प
सर्वे में बताया गया है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश महिलाओं का सबसे पसंदीदा विकल्प है. सभी वेतन वर्गों की महिलाएं म्यूचुअल फंड में निवेश उच्च जोखिम निवेश चेतावनी पसंद करती हैं.
सोने में भी करती हैं इन्वेस्ट
महिलाएं सोने (Gold) में अच्छा-खासा निवेश करती हैं. सर्वे में शामिल 25 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्होंने सोने में निवेश किया है. 10 लाख रुपए सालाना से अधिक कमाने वाली 40 फीसदी महिलाओं ने सोने में निवेश किया है.
क्रिप्टोकरेंसी में भी लगाए हैं पैसे
इसके अलावा 30 लाख रुपए सालाना से अधिक कमाने वाली 6 प्रतिशत महिलाओं ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. वहीं 10 लाख रुपए सालाना से कम कमाने वाली सिर्फ 4 फीसदी महिलाओं ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है.
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