माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि जुलाई माह में होने वाला वर्षा कालीन सत्र सितंबर में आकर सिर्फ़ पांच दिन के लिए कर दिया गया। इसे भी तीसरे दिन ख़त्म कर विधायकों को प्रश्न करने का अवसर ही नहीं दिया गया है। कुल 4 घंटे 10 मिनट चली विधानसभा में 9517 करोड़ का अनुपूरक बजट सहित कई विधेयक बिना बहस के पारित करवा लिए गए।
25 अक्तूबर को यहां लगेगा रोजगार मेला, 1500 से अधिक पदों के लिए होगी परीक्षा
रुद्रपुर, अमृत विचार। रोजगार पाने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। जिला सेवायोजन अधिकारी आरके पंत ने बताया कि वीएसवी इंटर कॉलेज जसपुर में 25 अक्तूबर को एक दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 1500 से अधिक रिक्तियों के सापेक्ष साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के माध्यम से कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति चयनित अभ्यर्थियों …
रुद्रपुर, अमृत विचार। रोजगार पाने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। जिला सेवायोजन अधिकारी आरके पंत ने बताया कि वीएसवी इंटर कॉलेज जसपुर में 25 अक्तूबर को एक दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 1500 से अधिक रिक्तियों के सापेक्ष साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को रोजगार के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा।
मध्य प्रदेश: विधानसभा सत्र ढाई दिन में ही समाप्त, नाराज़ विपक्ष ने शिवराज सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिन का मॉनसून सत्र ढाई दिन में ही ख़त्म हो गया। छोटा सत्र बुलाने के कारण कांग्रेस पहले से ही इसका विरोध कर रही थी। इस तरह उसे सरकार पर हमला करने का एक और मौक़ा मिल गया। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने कहा सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। उधर सरकार ने कहा है कि विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा ही नहीं करना चाहता है।
मध्यप्रदेश विधान सभा का 17 सितंबर तक चलने वाला 2 दिन पहले ही 15 तारीख़ को ही समाप्त कर दिया गया। इस पर वाम दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा ये इसलिए किया गया क्योंकि श्योपुर ज़िले कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति में मोदी के लिए भीड़ जुटाई जा सके। पार्टी ने कहा कि शिवराज कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति सरकार का ये कृत्य अनैतिक ही नहीं बल्कि ग़ैर लोकतांत्रिक भी है। संसदीय लोकतंत्र में विधानसभा जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच होता है और जब सरकार इसे कम करती है कि तो जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति पर सीधा हमला होता है।
मध्य प्रदेश: विधानसभा सत्र ढाई दिन में ही समाप्त, नाराज़ विपक्ष ने शिवराज सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिन का मॉनसून सत्र ढाई दिन में ही ख़त्म हो गया। छोटा सत्र बुलाने के कारण कांग्रेस पहले से ही इसका विरोध कर रही थी। इस तरह उसे सरकार पर हमला करने का एक और मौक़ा मिल गया। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने कहा सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। उधर सरकार ने कहा है कि विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा ही नहीं करना चाहता है।
मध्यप्रदेश विधान सभा का 17 सितंबर तक चलने वाला 2 दिन पहले ही 15 तारीख़ को ही समाप्त कर दिया गया। इस पर वाम दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा ये इसलिए किया गया क्योंकि श्योपुर ज़िले में मोदी के लिए भीड़ जुटाई जा सके। पार्टी ने कहा कि शिवराज सरकार का ये कृत्य अनैतिक ही नहीं बल्कि ग़ैर लोकतांत्रिक भी है। संसदीय लोकतंत्र में विधानसभा जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच होता है और जब सरकार इसे कम करती है कि तो जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति पर सीधा हमला होता है।
झारखंड में बालू की ऑनलाइन बुकिंग फेल, माफिया-दलाल के गठजोड़ से चल रहा खेल
झारखंड में बालू के अवैध कारोबार से राजस्व का नुकसान हो रहा है. दलाल और माफिया की मिलीभगत का खामियाजा आम जनता उठा रही है. क्योंकि 9 से 10 हजार रुपया मिलने वाला बालू बाजार में 17 हजार के करीब बिक रहा है.
रांची: राज्य में बालू का खेल चरम पर है. सालाना करीब 300 करोड़ राजस्व देने वाले इस सेक्टर में माफिया सक्रिय हैं. अब तक राज्यभर में मात्र 32 बालू घाट वैध रुप से चल रहे हैं जबकि राज्य में अनाधिकृत रुप से इनकी संख्या 400 से ज्यादा है.
प्रदेश में अनाधिकृत रुप से हो रहे बालू खनन में दलाल और माफिया की मिलीभगत का खामियाजा आम जनता उठा रही है. ऐसे में 10 से 12 हजार में एक हाइवा मिलनेवाला बालू अभी 16 से 17 हजार तक में बिक रहा है. जिसपर राजनीति हावी है और बालू का अवैध खेल धड़ल्ले से जारी है. ऐसे में 09 से 10 हजार में 350 cft बालू मिल रहा है. झारखंड में बालू की ऑनलाइन बुकिंग कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति हवा हवाई साबित हो रही है.
मधुबनी : खाद की उपलब्धता, खाद की कालाबाजारी पर बैठक
मधुबनी, डीएम अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश के आलोक में डीडीसी विशाल कुमार ने कल देर शाम में जिला स्तरीय पदाधिकारियो, अभियंताओं एवम सभी बीडीओ,सीओ एसडीओ आदि के साथ वर्चुअल माध्यम से *सप्ताहिक बैठक कर ,खाद की उपलब्धता, खाद की कालाबाजारी पर नजर ,पंचायत सरकार भवन के लिए भूमि उपलब्धता एवं निर्माण, बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण ,एसडीआरएफ के लिए स्थायी आवासन स्थल एवं प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण,कृषि फीडर से किसानों को बिजली की उपलब्धता, नल-जल योजना,लंबित डीसी बिल आदि को लेकर संबधित पदाधिकारियो से एक एक कर विस्तार से समीक्षा किया एवम कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। उन्होंने सभी सीओ, एसडीओ सहित वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया की खाद की उपलब्धता एवं कालाबाजारी पर नजर बनाए रखे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा जारी दिशा निर्देश के अलोक में प्रत्येक बुधवार एवं गुरुवार को क्षेत्र भ्रमण के दौरान खाद की उपलब्धता एवं कालाबाजारी को लेकर किसानों से मिलकर फीड बैक ले। खाद की दुकानों का औचक जाँच करें। उन्होंने नलकूप विभाग के अभियंता को भी निर्देश दिया कि विधुत दोष से बंद पड़े नलकुपो को कार्यपालक अभियंता विधुत से समन्वय कर अविलंब चालू करवाएं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर स्थिति पर नजर रख रहे है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर खाद की कालाबाजारी नही होनी चाहिये।खाद की जमाखोरी एवम कालाबाजारी करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। उन्होंने विधुत विभाग को कृषि फीडर से नियमित रूप से कम से कम 16 घण्टे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक बुधवार को पंचायतो की होने वाली जांच में नल जल योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे,साथ ही यह हार हाल में सुनिश्चित करे कि जलापूर्ति नियमित रूप से होनी चाहिये। उन्होंने पंचायतों के वार्डो में सोलर लाइट लगाने की योजना को लेकर भी विस्तृत दिशा निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रो में बनने वाले उपस्वास्थ्य केंद्र एवम हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के लिए भूमि की उपलब्धता को लेकर भी समीक्षा किया एवम सभी सीओ को अविलम्ब भूमि उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया ताकि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जा कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति सके। उन्होंने सभी सीओ को जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक जल स्रोतों यथा तालाबो,कुआँ आदि को अविलंब अतिक्रमण मुक्त करवाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने डीसी बिल की समीक्षा के क्रम में कहा कि लंबित डीसी बिल का निष्पादन नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर जबाबदेही कर करवाई की जाएगी,साथ ही अब वेतन भी स्थगित होगा एवम उनके विरुद्ध विभागीय करवाई को लेकर सबंधित विभाग को पत्र भी भेजा जाएगा। बेनीपट्टी अंचल अधिकारी एवम बीडीओ कार्यालय में सबसे अधिक डीसी बिल लंबित पाया गया। डीडीसी ने कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि जून के पहले हर हाल में स्थायी बाढ़ स्थल का निर्माण करवा लें,ताकि बाढ़ आपदा की स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। गौरतलब हो कि जिले में आठ स्थायी बाढ़ स्थल का निर्माण किया जा रहा है,जिसमे तीन का कार्य पूर्ण हो चुका है । उक्त बैठक में अपर समाहर्ता नरेश झा, डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार, सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारी कार्यालय कक्ष से और सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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