स्मार्टफोन में आ सकती है कोई भी खराबी तो कब पता लगेगा कि आपका फोन खराब हो रहा है?

Stock Market: शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर, आज ही जान लें नहीं तो देने पड़ेंगे 20,000 रुपये!

Stock Market Today: देश के प्रमुख स्टॉक मार्केट बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने अपने सदस्यों को टेक्निकल समस्या (Technical Problem) के बारे में जानकारी दी है.

By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 18 Dec 2021 06:55 PM (IST)

शेयर बाजार (फाइल फोटो)

Stock Market Update: अगर आप भी शेयर मार्केट (Share Market) में ट्रेडिंग करते हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है. देश के प्रमुख स्टॉक मार्केट बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने अपने सदस्यों को टेक्निकल समस्या (Technical Problem) के बारे में जानकारी दी है. बीसई और एनएसई की ओर से ट्रेडिंग (Trading rules) को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं.

देना होगा 20,000 रुपये प्रतिदिन
बीएसई और एनएसई ने अलग-अलग परिपत्रों में इससे संबंधित नए मसौदे जारी किए. इनके मुताबिक सदस्य निर्धारित समय के अंदर तकनीकी गड़बड़ी के बारे में सूचना नहीं देते हैं तो उन्हें 20,000 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से देना होगा. इस दिशानिर्देश में एक्सचेंजों के सदस्यों के लिए तकनीकी गड़बड़ियों को रोकने के लिए तकनीकी ढांचा एवं प्रणालीगत आवश्यकताओं का ब्योरा दिया गया है.

ये क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं परेशानियां हैं शामिल
आपको बता दें टेक्निकल गड़बड़ी में हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर से संबंधित समस्याएं होने के अलावा सदस्यों की तरफ क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं से दी जाने वाली सेवाओं और उत्पादों में आने वाली समस्या भी शामिल होती है.

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जरूरी है ये गाइडलाइन
बीएसई एवं एनएसई ने कहा कि 50,000 से अधिक विशिष्ट पंजीकृत ग्राहक आधार वाले सदस्यों को अनिवार्य रूप से कारोबार बनाये रखने की योजना भी रखनी होगी. किसी कारोबारी अवरोध की स्थिति में इस तरह की योजना जरूरी है.

Published at : 18 Dec 2021 06:53 PM (IST) Tags: Stock Market Stock Market Today stock market news stock exchange Sensex Today sensex index Stock Market update stock market opening stocks to buy today Bse update nse update stock exchange bse हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

rsi indicator hindi-rsi indicator buy and sell signals

इस वाक्या को यदि हम इसके के साथ जोड़ दे तो कोई परेशानी नहीं होने चाहिए क्योंकि rsi technical analysis भी स्टॉक के पीछे पीछे चलता है ।जब कोई स्टॉक अचानक से निचे गिरता है या ऊपर जाता है तब rsi वहां पर रुक जाता हैं

उस कार के तरह और अपने पिछले वाले दिन के स्टॉक प्राइस को average out करता हैं फिर आगे बढ़ता हैं चाहे वो निचे के तरफ हो या ऊपर ।

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rsi overbought zone and oversold zone

technical analysis indicator में जब ग्राफ रेड लाइन (70) को क्रॉस करती हैं तब कोई भी स्टॉक overbought zone में आ जाता है । कोई स्टॉक ब्रेकआउट दे तो ऊपर जा सकता हैं । buy भी कर सकते है नहीं तो इस जोन से स्टॉक के निचे गिरने की संभावना ज्यादा होती हैं इसलिए कभी भी इस जोन में किसी स्टॉक की खरीदारी नहीं करे ।

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rsi technical analysis में जब ग्राफ में rsi indicator green लाइन(30) के निचे आ जाये तो हमे उसे OVERSOLD ZONE कहेंगे । इसमें निवेशक दवारा स्टॉक को पूरी तरह से सेल्ल कर दिया जाता है

इसलिए इस जोन से हमे कोई भी स्टॉक को खरीदना अच्छा माना जाता हैं और ट्रेंड भी ऊपर जाने के चांस ज्यादा रहता है। ध्यान रहे की दूसरा इंडिकेटर के साथ ही किसी शेयर को खरीदें ।

आप निचे फोटो में rsi technical analysis वाले सेक्शन सकते हैं की लाल और हरे लाइन को OVER BOUGHT ZONE and OVER SOLD ZONE ke रूप में दर्शाया गया हैं ।

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rsi of nifty 50-rsi technical analysis (rsi indicator hindi-rsi indicator buy and sell signals)

rsi of nifty 50 में हम चार्ट को analysis करेंगे और जानेंगे की rsi nifty के rsi technical analysis पर कैसे काम करता हैं तो चलिए निचे दिए फोटो से हम समझने का प्रयास करते हैं।

यह अभी केसमय का निफ़्टी 50 का one day का chart हैं जिसको देख कर हम आसानी से समझ सकते हैं की अपने overbought zone को छूकर अब ये निचे की तरफ जा रहा है।

अगर ऐसा ही जाता रहा क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं तो निश्चित है की ये बहुत जल्द ही oversold ZONE में पहुंच जाए यदि कहीं कोई share marke t से सम्बंधित कोई गुड न्यूज़ आये तो ये वापस अपना ट्रेंड बदल देगा ।

rsi technical analysis ठीक इसके पीछे वाले लाइन पर गौर करे तो नजर आएगा की बिना 30 वाले line को छुए अपना ट्रेंड चेंज कर दिया ।

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इस तरह हम क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं बड़े ही अच्छे तरीके से rsi का प्रयोग कर किसी भी स्टॉक में उसका analysis कर सकते हैं क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं और स्टॉक के momentum को catch कर सकते हैं धन्यवाद।

टेक्निकल या फंडामेंटल विश्लेषण, दोनों में किस पर करें भरोसा?

निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनकी कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है और उन शेयरों को बेच देते हैं जिनमें कमजोरी की आशंका होती है.

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यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं.

1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
किसी शेयर के संभावित भविष्य का आंकलन कई व्यापक संकेतों के आधार पर किया जाता है. इसमें देश का जीडीपी, महंगाई दर, ब्याज दर के साथ-साथ कंपनी की बिक्री, मुनाफा क्षमता, रिटर्न ऑन इक्विटी, नकद स्थिति और लाइबिलिटी शामिल होते हैं.

2. क्या है तकनीकी विश्लेषण?
तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

3. फंडामेंटल डेटा को क्यों नजरअंदाज किया जाता है?
तकनीकी विश्लेषक फंडामेंटल आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं. इसकी वजह यह नहीं है कि इनकी क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं प्रासंगिकता नहीं होती बल्कि यह है कि बाजार इन आंकड़ों पहले ही गौर कर चुका होता है. इसलिए दोबारा उनके विश्लेषण की जरूरत नहीं पड़ती है. इस मेथड का पहला सिद्धांत यह है कि 'कीमत में हर चीज शामिल होती है.'

4. दोनों में से कौन है बेहतर?
यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. इसकी वजह यह है कि तकनीकी विश्लेषण छोटी अवधि की ट्रेडिंग और निवेश के मामले में कारगर है. फंडामेंटल एनालिसिस लंबी अवधि के निवेश में उपयोगी है. चूंकि, दोनों मेथड फायदेमंद हैं, इसलिए ज्यादातर ब्रोकरेज फर्में दोनों का इस्तेमाल करती हैं.

Fund vs Tech


5. टेक्नो-फंडा विश्लेषण क्या है?

सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं. फंडामेंटल विश्लेषण बताता है कि किन-किन शेयरकों में निवेश के आसार हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण बताता है कि इनमें कब पैसा लगाने से मुनाफा बढ़ाया जा सकता है.

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फोन में दिख रहे हैं ऐसे संकेत तो हो जाएं सावधान.

फोन कभी एकदम से खराब नहीं होता (कुछ मामलों को छोड़कर).. अगर आपके फोन में कोई समस्या आ रही है तो उसके लिए पहले से ही कई संकेत सामने आएंगे.

होम -> टेक्नोलॉजी

आज के सोशल मीडियाई युग में स्मार्टफोन एक अहम साधन है जिसके बिना करीब 80% लोग अपंग महसूस करते हैं. ये हम नहीं कह रहे ये कहती है कई सर्वे रिपोर्ट जिनमें स्मार्टफोन एडिक्शन की बात कही जाती है. हर कोई अपना फोन अपने हिसाब से चलाता है और जब आपका फोन आपकी बात ना माने तो चिड़चिड़ाहट होनी लाज़मी है.

लोगों का थोड़ा पुराना स्मार्टफोन अधिकतर दिक्कत देगा है तो कई बार नए स्मार्टफोन्स में ही गड़बड़ी आने लगती है. स्मार्टफोन में कोई गड़बड़ी आ रही है तो जरूरी नहीं कि वो बड़ी दिक्कत हो, लेकिन अगर उसे जल्दी ही सही नहीं किया गया तो यकीनन वो बड़ा रूप ले सकती है. फोन कभी एकदम से खराब नहीं होता (कुछ मामलों को छोड़कर).. अगर आपके फोन में कोई समस्या आ रही है तो उसके लिए पहले से ही कई संकेत सामने आएंगे.

स्मार्टफोन

स्मार्टफोन में आ सकती है कोई भी खराबी तो कब पता लगेगा कि आपका फोन खराब हो रहा है?

1. सबसे पहले होगा बैटरी पर असर.

अगर आपका फोन थोड़ा पुराना हो गया है मान लीजिए एक साल और उसमें अभी तक कोई क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं खराबी नहीं आई है तो सबसे पहले बैटरी पर असर पड़ेगा. ऐसा चार्जिंग साइकल के कारण होता है. मतलब एक बार आप फोन को 50% बैटरी पर चार्ज पर लगा देते हैं, एक बार 10% से भी कम ले जाते हैं, एक दिन में दो बार चार्ज करते हैं तो धीरे-धीरे बैटरी की क्षमता कम होने लगती है. अगर आपकी चार्जिंग साइकल सही है तो बैटरी ज्यादा दिन तक सही रहेगी. अगर चार्जिंग साइकल ठीक नहीं है तो 6 महीने के बाद बैटरी थोड़ा जल्दी डिस्चार्ज होने लगेगी!

2. इसके बाद फोन होगा स्लो.

दूसरी समस्या तब शुरू होगी क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं जब फोन स्लो होने लगेगा. ऐसा बहुत से कारणों से हो सकता है. फोन में कई सारे एप्स डाउनलोडेड हैं, इंटरनल मेमोरी भरी हुई है, सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ है, फोन में वायरस आ गया है, फोन में मालवेयर आ गया है या फिर कोई एप क्रैश हो रहा है. इनमें से कोई भी कारण फोन को स्लो करने के लिए काफी है.

अगर फोन जरूरत से ज्यादा स्लो हो गया है तो या काम ही नहीं कर रहा तो कोई हार्डवेयर समस्या भी हो सकती है नहीं तो अधिकतर ऐसा सॉफ्टवेयर के कारण होता है. फोन में नई अपडेट इंस्टॉल करें और अगर इंटरनल मेमोरी भर गई है तो उसे खाली करें. नई अपडेट इंस्टॉल करने से सिक्योरिटी की समस्याएं खत्म होती हैं, अगर मालवेयर है तो वो भी फोन से हट जाएगा!

3. टचस्क्रीन का रिस्पॉन्स होगा कम.

फोन खराब हो रहा है इसका तीसरा लक्षण है टचस्क्रीन का रिस्पॉन्स. टच स्क्रीन का रिस्पॉन्स धीमा हो जाता है. कई बार एक टैप करने पर स्क्रीन रिस्पॉन्स ही नहीं करती है. फोन के अंदर तेल, पानी जाने से या फिर हार्डवेयर समस्या के कारण ऐसा होता है. अगर स्क्रीन ने रिस्पॉन्ड करना धीरे-धीरे कम कर दिया है तो फोन को सर्विस सेंटर पर ले जाना बेहतर होगा.

4. हार्डवेयर काम करना बंद.

स्क्रीन अगर कम रिस्पॉन्सिव हो गई है तो धीरे-धीरे हार्डवेयर काम करना बंद कर देंगे. हेडफोन जैक काम नहीं करेगा, होम बटन ठीक से काम नहीं करेगा ऐसे धीरे-धीरे करके आपके फोन पार्ट खराब होते जाएंगे. ऐसा फोन में कचरा जाने के कारण भी हो सकता है. अगर आप नहीं चाहते की फोन पूरी तरह से बर्बाद हो जाए तो हार्डवेयर समस्या आते ही उसे सर्विस सेंटर पर दिखा लें.

5. फोन हो रहा है गर्म.

चार्जिंग के दौरान या फोन बात करने के दौरान गर्म हो रहा है तो ये भी गंभीर समस्या है. अगर चार्जिंग के दौरान ऐसा हो रहा है तो सॉफ्टवेयर अपडेट से सही हो सकता है. अगर तब भी सही नहीं हो रहा तो मतलब कोई हार्डवेयर समस्या है. कई क्या तकनीकी संकेतक बेकार हैं बार फोन की आईसी (IC) में गड़बड़ी आने से भी ऐसा होता है.

स्मार्टफोन

फोन अगर गर्म हो रहा है तो इसे सर्विस सेंटर पर दिखा लें सबसे पहले अपने चार्जर और यूएसबी पोर्ट को साफ करें. इसके लिए टूथपिक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर तब भी समस्या ठीक नहीं हो रही तो फोन को एक बार सर्विस सेंटर ले जाएं. अगर आईसी या फोन के यूएसबी पोर्ट में कोई समस्या है तो इसे ठीक करवाना ही बेहतर है नहीं तो आईसी उड़ सकती है और इसके बाद फोन ठीक करवाने के लिए लंबा खर्च लग सकता है.

6. मेमोरी खाली होने के बाद भी नहीं कर पा रहे कुछ डाउनलोड.

अगर मेमोरी खाली है और उसके बाद भी आप एप्स नहीं डाउनलोड कर पा रहे हैं और समस्या बनी हुई है तो ये मालवेयर की वजह से होता है. इसके लिए सॉफ्टवेयर अपडेट से लेकर एंटी वायरस स्कैन तक काफी कुछ किया जा सकता है.

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