घटते विदेशी मुद्रा भंडार को नहीं थामा गया, तो श्रीलंका जैसी हो सकती है भारत की स्थिति: एआईबीईए

इंदौर, 29 सितंबर (भाषा) भारत के घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर चिंता जताते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि अगर इस समस्या की अनदेखी की जाती रही, तो आगे चलकर देश को पड़ोसी श्रीलंका जैसे भीषण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने इंदौर में संगठन की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम होता जा रहा है। हमारा विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं आयात लगातार बढ़ रहा है, जबकि निर्यात घटता जा रहा है।’’

उन्होंने कहा,‘‘अगर हम विदेशी मुद्रा भंडार घटने की समस्या की यूं ही अनदेखी करते रहे, तो वह दिन दूर नहीं, जब हमें श्रीलंका जैसे बुरे आर्थिक हालात का सामना करना पड़ सकता है।’’

वेंकटचलम ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट पर रोक लगाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि सरकार सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के संकटग्रस्त क्षेत्र की मदद करे ताकि आयात पर निर्भरता घटे और निर्यात को गति मिल सके।

एआईबीईए महासचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के ‘‘मंसूबों’’ पर विरोध जताते हुए कहा,‘‘अगर सरकारी बैंकों का निजीकरण हो गया, तो न केवल जनता की बचत खतरे में आ सकती है, बल्कि ग्रामीणों, किसानों, एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों और महिलाओं को कर्ज लेने में भारी परेशानी भी होगी।’’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की राह आसान करने के लिए सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश कर सकती है।

वेंकटचलम ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा कोई विधेयक पेश किया गया, तो सरकारी, निजी, सहकारी और अन्य क्षेत्रों के बैंकों के 3.5 लाख कर्मचारियों की नुमाइंदगी करने वाला एआईबीईए तत्काल हड़ताल पर चला जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी बैंक कार्यबल विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं की गंभीर कमी से जूझ रहे हैं और पर्याप्त तादाद में नयी भर्तियां करके इस कमी को जल्द दूर नहीं किया गया, तो एआईबीईए को हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ेगा।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.5 अरब डॉलर पर

मुंबई (सच कहूँ न्यूज)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (foreign exchange reserves) के पास आरक्षित निधि में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.85 अरब डॉलर कम होकर 524.5 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 4.5 अरब डॉलर घटकर 528.4 अरब डॉलर रहा था। रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं आंकड़े के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 3.6 अरब डॉलर की गिरावट लेकर 465.1 अरब डॉलर रह गयी। इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 24.7 करोड़ डॉलर की कमी आई और यह घटकर 37.21 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं, आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 70 लाख डॉलर की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 17.विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं 44 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि इस अवधि में आईएमएफ के पास आरक्षित निधि 1.4 करोड़ डॉलर कम होकर 4.79 अरब डॉलर पर आ गई।

स्थिर रहे पेट्रोल और डीजल के दाम | oreign exchange reserves

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में जारी तेजी के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रविवार को भी स्थिर रहीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लंदन ब्रेंट क्रूड आज 95.77 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। अमेरिकी क्रूड 0.79 प्रतिशत गिरकर 88.38 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। घरेलू स्तर पर तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज भी टिकाव रहा। दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है। देश में चार महीने से अधिक समय से ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मुंबई में पेट्रोल के दाम 106.31 रुपये प्रति लीटर और और डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें मूल्य वर्धित कर (वैट) और माल ढुलाई शुल्क के आधार पर सभी राज्यों में अलग-अलग हैं। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है।

देश के चार बड़े महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार रहे:- | oreign exchange reserves

महानगर- पेट्रोल डीजल (रुपए प्रति लीटर)
दिल्ली…………..96.72……..89.62
मुंबई …………..106.31…….94.27
कोलकाता …….106.03……. 92.76
चेन्नई…………..102.63…….94.24

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श्रीलंका को उसके मित्र चीन से नहीं मिला कोई सहारा, भारत कर रहा मदद

Sri Lanka Crisis: India Help Sri Lanka, China Holds Back

श्रीलंका में आज जो भी हालात है उसके पीछे चीन का महत्वपूर्ण हाथ रहा विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं है। यहाँ जरूरी चीजों को खरीदने के लिए लोग लंबी कतारों में नजर आ रहे हैं। जरूरी चीजों की कीमतें इतनी महंगी है कि लोगों के लिए जीना मुश्किल हो गया है। खाने की चीजें हो या ईंधन और ट्रैवल कॉस्ट सभी आसमान छू रहे हैं। इसके पीछे का कारण खराब इकोनॉमिक गर्वनेंस भी है। इससे पहले हम अपनी रिपोर्ट में बता चुके हैं श्रीलंका की हालत के पीछे विदेशी मुद्रा भंडार का विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं कम होना सबसे बड़ा रहा है। तीन साल पहले जहां श्रीलंका का विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर था जो घटकर कर पिछले साल नवंबर में 1.58 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण श्रीलंका चीन, जापान, भारत और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कर्ज भी नहीं चुका पा रहा है। आज इस हालात के लिए चीन की रणनीति भी जिम्मेदार है।

विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं

चिंता : विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 600.423 अरब डॉलर हुआ

नई दिल्ली-भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है इसको लेकर अर्थशास्त्रियों में चिंता देखी जा रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 7 वें हफ्ते गिरावट आई है.देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.271 अरब डॉलर घटकर 600.42 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले 15 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं विदेशी मुद्रा भंडार में 31.1 करोड़ डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी.

RBI के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अप्रैल, 2022 को समाप्त हफ्ते में 31.1 करोड़ डॉलर घटकर 603.694 अरब डॉलर हो गया था, जबकि 8 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में यह भंडार 2.471 अरब डॉलर घटकर 604 अरब डॉलर था. विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) घटने के कारण आई है.यह कुल मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा. 22 अप्रैल को समाप्त हुए हफ्ते में एफसीए 2.84 अरब डॉलर घटकर 533.93 अरब डॉलर पर आ गया.

आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के साथ स्वर्ण भंडार इस दौरान 3.77 करोड डॉलर घटकर 42.77 अरब डॉलर रह गया है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.66 अरब डॉलर रह गया है. जबकि IMF के पास मौजूद देश का मुद्रा भंडार 2.6 करोड़ डॉलर घटकर 5.060 अरब डॉलर रह गया है. हमें मालूम है कि डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखी जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

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