निष्कर्ष
Coinbase के CEO का दावा पूरी तरह गलत, RBI ने क्रिप्टो-एक्सचेंजों पर नहीं लगाया है कोई Shadow Ban
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रिप्टो-एक्सचेंजों को यूपीआई पेमेंट सिस्मट का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए किसी तरह का कोई 'Shadow Ban' (छद्म प्रतिबंध) नहीं लगाया है। इस मामसे से वाकिफ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। हाल ही में अमेरिकी क्रिप्टो-एक्सचेंज कॉइनबेस (Coinbase) के सीईओ ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग ने आरोप क्या कॉइनबेस वैध है लगाया था कि उन्हें "RBI की तरफ से अनौपचारिक दबाव" के चलते अपने प्लेटफॉर्म से यूपीआई पेमेंट्स की सुविधा हटानी पड़ी है।
एक सूत्र ने बताया, "RBI ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है या ऐसा कोई निर्देश नहीं जारी किया है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करता हो।"
कॉइनबेस ने पिछले महीने 17 अप्रैल को बेंगलुरु में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर भारत में अपना बिजनेस शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि ठीक उसी रात, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि उसे क्या कॉइनबेस वैध है किसी दूसरे क्रिप्टो एक्सचेंज के UPI का इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी नहीं है।
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ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग ने निवेशकों से एक बातचीत में कहा, "लॉन्चिंग के कुछ ही दिन बाद रिजर्व बैंक ऑफ क्या कॉइनबेस वैध है इंडिया के कुछ अनौपचारिक दबावों के चलते हमने यूपीआई का इस्तेमाल बंद कर दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो सकता है। लेकिन, हम आरबीआई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और फिर से लॉन्चिंग पर फोकस कर रहे हैं।
हालांकि RBI के सूत्रों का कहना है कि ब्रायन क्या कॉइनबेस वैध है का यह दावा गलत है। उन्होंने बताया, "कॉइनबेस के सीईओ ने जो बयान दिया है, वह गलत और भ्रामक है।"
अमेरिका में कॉइनबेस के भारतवंशी पूर्व अधिकारी के भाई ने स्वीकारा इंसाइडर ट्रेडिंग का आरोप, बनाए 15 लाख डॉलर
कॉइनबेस के पूर्व अधिकारी के भाई ने कुबूली इंसाइडर ट्रेडिंग की बात.
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा पहला इंसाइडर ट्रेडिंग का मामला हो सकता है. वाही ने यूएस डिस्ट् . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 13, 2022, 18:16 IST
निखिल वाही के भाई और कॉइनबेस के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर इशान वाही भी मामले में आरोपी हैं.
इन दोनों के अलावा इनका एक भारतीय-अमेरिकी दोस्त समीर रमानी भी आरोपी हैं.
अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो इन्हें 20 साल तक का कारावास हो सकता है.
नई दिल्ली. क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ग्लोबल के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर इशान वाही के भाई निखिल वाही ने अमेरिका की एक अदालत में कुबूल किया है कि वह इंसाइडर ट्रेडिंग में शामिल थे. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा पहला इंसाइडर ट्रेडिंग का मामला हो सकता है.
वाही ने यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लोरेट प्रेस्का की अदालत में वर्चुअल पेशी के दौरान कहा कि उन्होंने कॉइनबेस के डेटा से गोपनीय जानकारी हासिल कर ट्रेडिंग की थी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि इशान क्या कॉइनबेस वैध है वाही ने अपने भाई और एक अन्य दोस्त समीर रमानी को उन डिजिटल एसेट्स के बारे में जानकारी दी थी जो जल्द कॉइनबेस पर ट्रेड के लिए उपलब्ध होने वाली थीं.
कैथी वुड का आर्क कॉइनबेस खरीद रहा है, क्या आपको भी खरीदना चाहिए?
Coinbase Global (NASDAQ: COIN ) एक जंगली व्यापारिक सत्र के बाद बुधवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ, जिसमें बिटकॉइन की कीमत लगभग 10,000 डॉलर बढ़ गई। क्रिप्टोक्यूरेंसी में व्यापक मार्ग के बीच सबसे बड़ा यूएस क्या कॉइनबेस वैध है क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज 5.9% नीचे $ 224.80 पर बंद होने से पहले 13% तक गिर गया। कल, कॉइनबेस लगभग 3.8% बढ़कर $ 233.39 पर बंद हुआ।
पिछले महीने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के क्या कॉइनबेस वैध है बाद से, कॉइनबेस ने अपने मूल्य का एक तिहाई से अधिक खो दिया है। इस परिमाण की गिरावट इस परिसंपत्ति वर्ग के कुछ समर्थकों को इस गिरावट वाले स्टॉक में कूदने और खरीदने के लिए प्रेरित कर रही है।
आर्क इन्वेस्ट की कैथी वुड अपने कॉइनबेस दांव को दोगुना कर रही है, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज के अधिक शेयरों को तोड़ रही है क्योंकि इसके मूल्य में गिरावट आई है। फर्म के ट्रेडिंग रैपर क्या कॉइनबेस वैध है के अनुसार, वुड ने सोमवार से कॉइनबेस में $90 मिलियन से अधिक की खरीदारी की है।
भारत में क्रिप्टो मार्केट का हाल
- भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है.
- भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है.
- भारत की 7% से ज्यादा जनसंख्या के पास क्रिप्टोकरेंसी मौजूद.
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी में 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश.
- क्रिप्टो में निवेश करने वालों की औसतन उम्र 24 साल.
- 60% क्रिप्टो निवेशक टियर II और टियर III शहरों से हैं.
- भारत में छोटे एक्सचेंज के अलावा 16 एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग होती है.
- 65% लोगों ने पहले इन्वेस्टमेंट के तौर पर क्रिप्टो में निवेश किया है.
दुनियाभर में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या
देश निवेशक
भारत 10 करोड़
अमेरिका 2.74 करोड़
रूस 1.74 करोड़
नाइजीरिया 1.3 करोड़
एक्सचेंज (प्रतिदिन वॉल्यूम $)
BINANCE $35 अरब
OKEx $10 अरब
COINBASE $7.4 अरब
KRAKEN 200.47 अरब
BITFINEX 200.04 अरब
WAZIRX $27.5 करोड़
COINDCX $11.2 करोड़
ZEBPAY $3.6 करोड़
- हर एक्सचेंज पर चार्जेज अलग-अलग.
- प्रति ट्रेड 0.5-1% की फीस.
- बैंक से क्या कॉइनबेस वैध है वॉलेट में पैसे डालने पर 5-20 रुपए फीस.
- पैसे निकलने के लिए भी देनी होती है फीस.
- AMC फीस 30-300 रुपए प्रति महीने.
क्या है भारत में कानून ?
- क्रिप्टोकरेंसी के चलते इकोनॉमी में अस्थिरता संभव.
- क्रिप्टो का असर महंगाई और फॉरेक्स पर संभव.
- RBI का जल्द डिजिटल करेंसी लाने का प्रस्ताव.
- निवेशकों के निवेश की सुरक्षा जरूरी.
- क्रिप्टो से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों पर रोक जरूरी.
- टेरर फंडिंग, हवाला में क्रिप्टो का इस्तेमाल.
- क्रिप्टो पर रोक संभव नहीं, लेकिन रेगुलेशन जरूरी: स्थायी समिति.
- PM मोदी क्या कॉइनबेस वैध है की तमाम देशों से अपील, गलत हाथों में ना जाए क्रिप्टो.
- RBI और SEBI भी क्रिप्टो के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित.
क्रिप्टो के क्या हैं निगेटिव?
क्रिप्टो के क्या हैं पॉजिटिव?
- नए जमाने की एसेट क्लास.
- नई टेक्नोलॉजी पर बना है.
- सरकार या रेगुलेटर का कोई हस्तक्षेप नहीं.
- लेनदेन में प्राइवेसी.
- सरकार या सेंट्रल बैंक का कोई कंट्रोल नहीं.
- गलत कामों में क्या कॉइनबेस वैध है इस्तेमाल की आशंका.
- फ्रॉड और स्कैम के कई मामले.
- बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव.
- ट्रांजैक्शन चार्ज बहुत ज्यादा.
क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने रूस से जुड़े 25 हजार खातों को किया ब्लॉक
प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक, कॉइनबेस ने अवैध गतिविधियों में लिप्त रूसी व्यक्तियों या संस्थाओं से संबंधित 25 हजार से अधिक अकाउंट्स को अवरुद्ध कर दिया है। कॉइनबेस ने कहा कि जब कोई यूजर (उपयोगकर्ता) अकाउंट खोलता है, तो वह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, सिंगापुर, कनाडा और जापान द्वारा प्रदान की गई स्वीकृत व्यक्तियों या संस्थाओं की सूची के साथ-साथ क्रीमिया, उत्तर कोरिया, सीरिया और ईरान जैसे स्वीकृत क्षेत्रों से यूजर्स को अवरुद्ध करने के लिए प्रदान की गई जानकारी की जांच करता है।
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