विदेशों में या भारत में समनिर्यात (डीम्ड) एक्सपोर्ट संविदाएं हासिल करने वाले भारतीय परियोजना निर्यातक।

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Digital Rupees in FD: RBI के डिजिटल रुपये से कर सकते हैं FD में निवेश? जानिए डिटेल

By: ABP Live | Updated at : 16 Dec 2022 07:25 PM (IST)

आरबीआई डिजिटल मुद्रा (PC- ABP Live)

Digital Currency Invest in FD: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में डिजिटल रुपया (e₹-R) लॉन्च किया है, जिसका उपयोग दुकानों से लेकर हर तरह की खरीदारी के लिए उपयोग किया जा सकता है. यह डिजिटल रुपया (Digital Rupees) एक ​लीगल टेंडर के तहत जारी किया गया है और यह डिजिटल टोकन (Digital Token) के रूप में काम करता है. केंद्रीय बैंक वर्तमान में डिजिटल रुपये का निर्माण, डिस्ट्रब्यूट और रिटेल उपयोग की पूरी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहा है.

मार्केट में आने के बाद इसका उपयोग पेमेंट और अन्य कामों के लिए किया जा सकेगा. इसका भुगतान क्यूआर कोड स्कैन (QR Code Scan) करके भी किया जा सकता है. डिजिटल रुपया (e₹-R) बैंकों की ओर से जारी किया जाएगा. RBI की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, डिजिटल रुपये का इस्तेमाल (Digital Rupees Use) बैंक के वॉलेट और मोबाइल ऐप और बैंक की अन्य सुविधा के तहत किया जा सकता है. डिजिटल रुपया, बैंक में जमा या भारतीय करेंसी की तरह ही मान्य है. हालांकि इसे सेविंग अकाउंट में जमा (Deposit in Saving Account) करके ब्याज नहीं कमाया जा सकता है.

डिजिटल रुपये पर क्यों नहीं मिलेगा ब्याज

डिजिटल रुपया भारतीय करेंसी की तरह मान्य है, जिसे नोट के मुल्यवर्ग के समान ही डिजिटल टोकन के रूप में जारी किया जाता है. ब्याज की बात करें तो जिस तरह आपके पर्स में रखी नकदी अपने आप में ब्याज नहीं देती है, उसी तरह डिजिटल रुपये को भी आपके डिजिटल वॉलेट में रखने पर कोई ब्याज नहीं मिलता है. बैंकों द्वारा e₹-R रखने के लिए डिजिटल वॉलेट की पेशकश की जाएगी.

सरकार का कहना है कि आने वाले समय में डिजिटल रुपये को कुछ अन्य रूपों में पेश किया जाएगा. ऐसे में इसे नकदी के समान ही यूज किया जा सकता है और निवेश करके लाभ कमाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में 13 दिसंबर, 2022 को कहा था कि डिजिटल रुपये को वॉलेट के द्वारा ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन इसे जमा करके ब्याज नहीं कमाया जा सकता है. आने वाले समय में इसपर विचार किया जा सकता है.

डिजिटल रुपये का कितने तरह से हो सकता है विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? लेनदेन

डिजिटल रुपये का ट्रांजैक्शन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) किया जा सकता है. इसके अलावा क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल करके इसका उपयोग किया जा सकता है.

Published at : 16 Dec 2022 07:25 PM (IST) Tags: fixed deposit RBI DIGITAL RUPEE हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है?

एक डॉलर से पहले की तुलना में अब दूसरी मुद्राएं ज्यादा खरीदी जा सकती हैं. जापान के येन को ही लीजिये. एक साल पहले एक डॉलर के बदले 110 येन से थोड़ा कम मिलता था वह आज 143 येन मिल रहा है यानी 30 फीसदी से ज्यादा. अमेरिकी डॉलर की मजबूती का सबसे ज्यादा असर यहीं दिख रहा है.

विदेशी मुद्रा का भाव एक दूसरे की तुलना में लगातार बदलता रहता है क्योंकि बैंक, कारोबार और व्यापारी उन्हें पूरी दुनिया में टाइमजोन के हिसाब से खरीदते और बेचते रहते हैं. यूएस डॉलर इंडेक्स यूरो, येन और दूसरी प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कीमत आंकता है. यह सूचकांक इस साल 14 फीसदी से ज्यादा बड़ गया. निवेश के दूसरे माध्यमों की तुलना में यह ज्यादा आकर्षक दिख रहा है क्योंकि बाकियों के लिये तो यह साल अच्छा नहीं रहा. अमेरिकी शेयर बाजार 19 फीसदी नीचे है, बिटकॉइन ने अपनी आधी कीमत खो दी है और सोना 7 फीसदी नीचे गया है.

डॉलर मजबूत क्यों हो रहा है?

अमेरिकी अर्थव्यवस्था दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर रही है और यही डॉलर की मजबूती का कारण है. महंगाई की दर ऊंची है, रोजगार की स्थिति मजबूत है और सेवा क्षेत्र जैसे अर्थव्यवस्था के दूसरे विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? सेक्टरों का भी हाल अच्छा है. इन सब ने धीमे पड़ते निर्माण क्षेत्र और कम ब्याज दर में अच्छा करने वाले सेक्टरों से उपजी चिंताएं दूर की हैं. इसके नतीजे में व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि फेडरल रिजर्व ब्याज बढ़ाते रहने का अपना वादा निभाता रहेगा और कुछ समय के लिये यह व्यवस्था लागू रहेगी. इसके सहारे ऊंची महंगाई दर का सामना करने की तैयारी है जो 40 सालों में फिलहाल सबसे ऊंचे स्तर पर है.

इन सब उम्मीदों ने सरकार के 10 सालों के सरकारी प्रतिभूतियों के राजस्व में एक साल पहले के 1.33 फीसदी की तुलना में 3.44 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है.

सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे?

जो निवेशक अपने पैसे से ज्यादा कमाई करना चाहते हैं उनका ध्यान लुभावने अमेरिकी बॉन्ड की तरफ गया है. दुनिया भर के निवेशक उनकी ओर जा रहे हैं. फेडरल बैंक की तुलना में दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक इस समय निवेश आकर्षित करने में ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्थाओं का हाल अच्छा नहीं है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने अपने प्रमुख दर में अब तक की सबसे ज्यादा 0.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. दूसरी तरफ फेडरल रिजर्व अपनी दर इस साल इसी मात्रा में दो बार बढ़ा चुका है और अगले हफ्ते इसे एक बार और बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है. कुछ लोगों को तो उम्मीद है कि मंगलवार को महंगाई के बारे में जो रिपोर्ट आई है उसे देखने के बाद पूरे एक प्रतिशत की भी बढ़ोत्तरी हो सकती है.

यूरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों में 10 सालों के सरकारी प्रतिभूतियों पर अमेरिका की तुलना में कम राजस्व हासिल हुआ है. मसल जर्मनी में 1.75 फीसदी तो जापान में केवल 0.25 फीसदी.

मजबूत मुद्रा से अमेरिकी सैलानियों को फायदा

टोक्यो में रात के खाने पर आज अगर कोई अमेरिकी सैलानी 10,000 येन खर्च करता है तो वह उसी खाने के लिये एक साल पहले की तुलना में 23 फीसदी कम डॉलर दे रहा है. मिस्र के पाउंड से लेकर अर्जेंटीना के पेसो और दक्षिण कोरिया के वॉन तक के मुकाबले इस साल डॉलर की कीमत जिस तेजी से बढ़ रही है वह कई और देशों में अमेरिकी सैलानियों का फायदा करायेगी.

तो क्या मजबूत डॉलर से सिर्फ उन अमीर अमेरिकी लोगों का ही फायदा होगा जो दूसरे देशों की सैर करने जाते हैं? नहीं ऐसा नहीं है मजबूत डॉलर अमेरिका के आम लोगों को भी फायदा पहुंचायेगा क्योंकि इससे आयात की जाने वाली चीजों की कीमतें घटेंगी और महंगाई की दर नीचे जायेगी. उदाहरण के लिये जब यूरो के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ती है तो यूरोपीय कंपनियों को हर डॉलर की बिक्री से ज्यादा यूरो मिलते हैं. ऐसे में वो अपने सामान की डॉलर में कीमत घटा कर भी उसी मात्रा में यूरो हासिल कर सकते हैं. वो चाहें तो डॉलर में कीमत वही रख कर ज्यादा यूरो अपनी जेब में डाल सकते हैं या फिर वो इन दोनों के बीच में एक संतुलन बनाने की भी कोशिश कर सकते हैं.

विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं?

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के प्रमुख प्रधान मंत्री जी हैं।

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का संचालन अवैतनिक आधार पर होता है। प्रधान मंत्री के एक संयुक्त सचिव इस कोष के सचिव के रूप में कार्य करते हैं। अवैतनिक आधार पर, निदेशक स्तर के एक अधिकारी उनकी सहायता करते हैं।

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता प्रधान मंत्री के विवेकानुसार तथा उनके निदेशानुसार प्रदान की जाती है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में जमा धन का विवरण निम्नलिखित हैः-

पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में विदेशी मुद्रा में जमा अंशदान का विवरण निम्लिखित है :-

पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अंतर्गत वितरित की गई राशि का ब्यौरा निम्नलिखित हैः-

वित्तीय उत्पाद परियोजना निर्यात

हाल के वर्षों में भारतीय परियोजना निर्यातकों ने अपनी प्रतिभा और प्रौद्योगिकी क्षमताओं की बदौलत अनेक संविदाएं हासिल की हैं| विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? एक्ज़िम बैंक भारत से परियोजना निर्यात को प्रोत्साहित करने वाले प्रमुख सूत्रधारों में से एक रहा है| हमने भारतीय कंपनियों को बीते दो दशकों से ज्यादा समय से विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में संविदाएं प्राप्त करने और मेजबान देशों की उनके विकासात्मक लक्ष्य हासिल करने में मदद की है|

हम इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, निर्माण कार्य (सिविल, मकैनिकल, इलेक्ट्रिकल या इंस्ट्रूमेंटल) जैसे कार्यों के लिए नियमित रूप से सहायता देते रहे हैं| इनमें आपूर्ति संबंधी विशेष उपकरण, निर्माण कार्य और बिल्डिंग मटीरियल, परामर्श, तकनीकी जानकारी, तकनीक अंतरण, डिजाइन, इंजीनियरी (आधारभूत एवं विस्तृत) शामिल हैं| हम मौजूदा या नई परियोजनाओं, संयंत्रों अथवा ऐसी प्रक्रियाओं में भी सहयोग करते हैं, जिन्हें भारत में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धात्मक बिडिंग जैसी प्रक्रियाओं में अतिरिक्त सहयोग की जरूरत होती है| इनमें भारत में बहुपक्षीय निधिक परियोजनाएं भी शामिल हैं|

निधिक (फंडेड) सुविधाएं

Pre shipment credit

प्री शिपमेंट ऋण

(निर्यात करने से पूर्व ऋण) यह वह ऋण है जो कंपनी को विनिर्माण चरण में पर्याप्त वित्त उपलब्ध कराने के लिए दिया जाता है| यह ऋण भारतीय और विदेशी दोनों मुद्राओं में प्रदान किया जाता है| ऐसी ऋण सुविधा से निर्यातकों को कच्चा माल और अन्य सामग्री खरीदने में मदद मिलती है| साथ ही निर्माण कार्य या टर्न-की परियोजनाओं के लिए रुपया अथवा विदेशी मुद्रा जुटाने में भी मदद मिलती| हम निर्यात उत्पादन के लिए माल तैयार करने हेतु कच्चे माल तथा अन्य सामग्री के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा में प्री शिपमेंट ऋण सुविधा उपलब्ध कराते हैं|

Post shipment credit

पोस्ट शिपमेंट ऋण

(निर्यात पश्चात ऋण) यह माल के निर्यात हो जाने के बाद निर्यात बिल पर दी जाने वाली ऋण सुविधा है। इस सुविधा के जरिए भारतीय निर्यातक माल पहुंच जाने के बाद के चरण में अपने आयातक को मियादी ऋण प्रदान कर पाता है। ऐसी सुविधाएं हम खुद या वाणिज्यिक बैंकों के सहयोग से मुहैया कराते हैं|

गैर निधिक (नॉन फंडेड) सुविधाएं

NON FUNDED FACILITIES

भारतीय कंपनियां अपनी निर्यात संविदाओं या डीम्ड एक्सपोर्ट संविदाओं को सुगम बनाने के लिए गैर निधिक सुविधाएं हासिल कर सकती हैं|

अग्रिम भुगतान गारंटी (ए पी जी):

इससे परियोजना की तैयारी के लिए संविदा मूल्य की 10-20 प्रतिशत राशि अग्रिम रूप में मिल जाती है| विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? वस्तुतः यह एक गारंटी है, जिसे परियोजना निर्यातकों को जारी किया जाता है| आमतौर पर इसे परियोजना क्रियान्वयन के दौरान हुए भुगतान से समानुपातिक आधार पर वसूला जाता है।

निष्पादन गारंटी (पी जी) :

निर्यातक संविदा मूल्य की 5-10 फीसदी तक की निष्पादन गारंटी हासिल कर सकता है। यह मेंटेनेंस अवधि के पूरा होने और/ या विदेशी ग्राहक द्वारा अंतिम स्वीकृति प्रमाणपत्र (एफ ए सी) प्रदान किए जाने तक वैध होती है।

अपने पोर्टफोलियो के लिए एसजीबी पर विचार करने के 5 कारण!

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या एसजीबी केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। ये बांड भौतिक सोना द्वारा समर्थित हैं और सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। RBI इन बांडों को पूरे वर्ष किश्तों में जारी करता है और अंतिम किश्त वर्तमान में सदस्यता के लिए खुला है, जिसकी अंतिम तिथि 23 दिसंबर 2022 है।

ये एसजीबी उन तरीकों में से एक हैं जिनसे निवेशक पीली धातु में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन एसजीबी के कई लाभ हैं जो उन्हें सोने में निवेश के अन्य तरीकों से बेहतर विकल्प बनाते हैं। यहां 5 सबसे अच्छे फायदे हैं।

ब्याज दर

एसजीबी अनिवार्य रूप से बांड हैं, जिसका अर्थ है कि विदेशी मुद्रा बैंक का उपयोग करने के क्या लाभ हैं? यह एक ऋण सुरक्षा है और सरकार इस पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, पूंजी की सराहना के अलावा, जो कि सोने की दरों में बढ़ोतरी के रूप में आनंद ले सकता है, निवेशकों को प्रति वर्ष एक निश्चित 2.5% ब्याज भी मिलता है (अर्ध-वार्षिक जमा) जो एसजीबी की अपील को और बढ़ाता है क्योंकि कोई अन्य विकल्प निश्चित रिटर्न प्रदान नहीं करता है। पैसा जो अनिवार्य रूप से सोने में निवेश किया जाता है।

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