शेयर खरीदने की प्रोसेस

NSE और BSE क्या होते है ?

1. Bse का Full Form क्या होता है ?

Bse का Full Form होता है Bombay Stock Exchange (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) |

2. Nse का Full Form क्या होता है ?

3. Bse क्या है ?

Bse भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा stock exchang है Bse की शुरुआत सन 1875 में हुई थी और अपने शुरुआती समय में Bse (the native share & stock brokers association / नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन) के तोर पर जाना जाता था बाद में जाकर सन 1957 में भारत सरकार ने (securities contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत Bse को भारत के स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा दे दिया था |

Bse एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और वर्तमान में दुनिया का 9 वा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है | जनवरी 2021 के अनुसार Bse का market capitalization 276 .713 लाख करोड़ (US $ 3.7 trillion) का हो चुका है

Bse (Bombay Stock exchang) का बेंचमार्क (index) है “Sensex” जिसकी शुरुआत सन 1986 में हुई थी जिसमें देश की सबसे बड़ी और टॉप 30 कम्पनीज को रखा जाता है “sensex” में 30 कम्पनीज के लिस्टेड होने के भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? कारण इसे Bse30 के नाम से भी जाना जाता है |

sensex क्या है ? और इसका क्या काम होता है ? ये सब हम आगे आने वाले article में Complete details में जानेगे |

4. Nse क्या है ?

Nse भारत का दूसरा सबसे बड़ा stock exchange है और वर्तमान में दुनिया का 10 वा सबसे बड़ा stock exchange है |

Nse की स्थापना सन 1992 में हुई थी तब Nse (securities contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत सिर्फ एक टैक्स पेइंग कम्पनी (tax paying company) के तोर पर काम करती थी इसके बाद सन 1993 से Nse ने स्टॉक एक्सचेंज के तोर पर काम करना शुरू किया |

Nse के आ जाने से भारत में electronic exchange system की शुरुआत हुई इससे पहले शेयर बाजार का सारा काम पेपर सिस्टम के जरिये ही हुआ करता था लेकिन Nse के आने के बाद से शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हो गया | जिसकी वजह से एक आम आदमी का शेयर बाजार में निवेश करना काफी आसान हो गया था | अगस्त 2021 के अनुसार Nse का market capitalization 3.4 trillion डॉलर से भी अधिक का हो चूका है |

Nse का बेंचमार्क (index) है “nifty” जिसकी शुरुआत Nse ने सन 1995 में की थी “nifty” में देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कम्पनीज को रखा जाता है “nifty” में देश की सबसे बड़ी और टॉप 50 कम्पनीज के लिस्टेड होने के कारण इसे “nifty50” भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? के नाम से भी जाना जाता है

Nifty क्या है ? और इसका क्या काम होता है ? ये सब हम आगे आने वाले article में Complete details में जानेगे |

5. Bse और Nse में कौन भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? सा exchange better है ?

Nse और Bse दोनों में कौन सा exchange आपके लिए better है ? ये पूरी तरह से आप पर डिपेंड करता है की आप किस तरह के इन्वेस्टर या ट्रेडर है ?

अगर आप stock Market में नये हो,और investing के viwe से मार्केट में आये हो तो आपके लिए best option है Bse क्योकि Bse में 5000 से ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है जिससे आपको बहुत सी कम्पनीज में पैसा निवेश (invest) करने का मौका मिलेगा |

जबकि Nse उन traders और investors के लिए एक best option हो सकता है जिनको मार्किट का अच्छा अनुभव हो – और बहुत ज्यादा मात्रा (quantity) में day trading जैसे सौदे करते हो | उन के लिए Nse एक best option हो सकता है क्योकि Nse में Bse से ज्यादा liquidity होती है जिसकी day trading में काफी जरूरत होती है |

liquidity का अर्थ होता है ” किसी वस्तु या चीज को कितनी जल्दी ख़रीदा और बेचा जा सकता है उसे हम liquidity कहते है ” अगर किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री हो तो हम कह सकते है की उसमे अधिक liquidity है और जब किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री नहीं हो तो हम कह सकते है की उस में कम liquidity है |

तो अभी आपको decide करना है की आपके लिए कोन सा exchange better है ? Nse या Bse ?

6. भारत में कुल कितने stock exchange है ?

भारत में वर्तमान में 23 stock exchang है |

7. भारत के दो प्रमुख stock exchange कौन-कौन से है ?

भारत में 2 प्रमुख Stock Exchange है | Bse (Bombay Stock exchange) और Nse (National Stock Exchange)

8. Bse और Nse stock exchange कहा पर स्थित है ?

Bse (Bombay Stock exchange) और Nse (National Stock Exchange) दोनों मुम्बई में स्थित है |

9. Bse और Nse में कुल कितनी companies listed है ?

Bse (Bombay Stock exchange) में वर्तमान में 5000 से भी ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है और Nse (National Stock Exchange) में वर्तमान में 2000 से अधिक कम्पनीज लिस्टेड है |

10. Bse और Nse में क्या difference है ?

Equity, currency, and commodity derivatives.

Exchang – traded funds

Inital public offering (IPO)

Equity, currency, and commodity derivatives.

Exchang – traded funds

Inital public offering (IPO)

Security lendig & borrowing scheme

Institutional placement program (IPP)

जबकि Nse का नेटवर्क वर्तमान में 1500 से अधिक शहरो में फैला हुआ है |

11. Bse और Nse के chairman कौन है ?

वर्तमान में Bse के भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? Chairman है Vikramajit Sen और Nse के Chairman है Girish Chandra Chaturvedi ..

NOTE;- अगर आपके पास अभी तक Demat और Trading Account नहीं है तो आप निचे दिए गए Links पर Click कर के भारत के प्रमुख Discount Brokers के पास अपना Demat और Trading Account खोल सकते है और Stock market में Invest कर सकते है |

So I hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Stock market में NSE और BSE क्या होते है ? तो आपको NSE और BSE पर हमारा ये Article कैसा लगा निचे comments कर के जरूर बताइयेगा ||

कल बंद रहेगा बाजार, देखें अब बाकी बचे साल में कितने दिन रहेगी स्टॉक मार्केट की छुट्टी

31 अगस्त के बाद इस साल बाजार की 4 और दिन छुट्टी होगी.

31 अगस्त के बाद इस साल बाजार की 4 और दिन छुट्टी होगी.

इस साल 31 अगस्त के बाद अब 4 और दिन शेयर बाजारों की छुट्टी रहेगी. इसमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं है. आपको बता दें कि स . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 30, 2022, 20:15 IST

हाइलाइट्स

शेयर बाजारों की साप्ताहिक अवकाश के अलावा कल के बाद इस साल 4 छुट्टियां और होंगी.
31 अगस्त को बाजार गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में बंद रहेंगे. कमोडिटी मार्केट शाम के सत्र में खुलेंगे.
शेयर मार्केट की इस साल 13 छुट्टियां निर्धारित थीं. इनमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं हैं.

नई दिल्ली. बुधवार को गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में शेयर बाजार कारोबार के लिए बंद रहेंगे. बीएसई हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सेगमेंट 31 अगस्त को बंद रहेगा. वहीं, मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज केवल सुबह के सत्र (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) बंद रहेगा. जबकि शाम के सत्र (शाम 5 बजे से रात 11.30 बजे तक) में कारोबार होगा.

इसी तरह नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) सुबह के सत्र के दौरान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच बंद रहेगा. जबकि शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक काम होगा.

2022 में शेयर बाजार के अवकाश
इस साल के बाकी बचे महीनों में साप्ताहिक अवकाश के अलावा शेयर बाजार की कुल 4 दिन छुट्टी रहेगी. इस दिन बाजार में कोई कारोबार नहीं होगा. 31 अगस्त 2022 के बाद स्टॉक मार्केट की अगली छुट्टी अक्टूबर के महीने में पड़ेगी यानी सितंबर में कोई मार्केट हॉलिडे नहीं है. स्टॉक एक्सचेंज अक्टूबर और नवंबर में कुल मिलाकर चार अन्य मौकों पर बंद रहेंगे. 5 अक्टूबर (बुधवार) को दशहरे, 24 अक्टूबर (सोमवार) को दिवाली और 26 अक्टूबर (बुधवार) को दीवाली बलि प्रतिपदा के भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? मौके पर बंद रहेंगे. नवंबर में गुरुनानक जयंती के कारण 8 नवंबर (मंगलवार) को एक बाजार बंद रहेगा. गौरतलब है कि कुल मिलाकर कैलेंडर वर्ष 2022 में बाजार के 13 अवकाश घोषित थे.

1564 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ सेंसेक्स
आज सेंसेक्स करीब 6 महीने बाद 1500 से अधिक अंकों के उछाल के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स आज 1564 अंक (2.70%) चढ़कर 59,527 बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 446 अंकों (2.58%) की तेजी के साथ 17759.30 पर बंद हुआ. शेयर बाजार ने आज निवेशकों की संपत्ति में 5.71 लाख करोड़ रुपये का इजाफा किया है. बजाज फाइनेंस (5.42 फीसदी) और बजाज फिनसर्व (4.99 फीसदी) के शेयरों में आज सर्वाधिक तेजी देखने को मिली.

क्या है इस तेजी का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? काफी बेहतर स्थिति में है. आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए. बालासुब्रमण्यम के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यव्यवस्था में निवेश काफी सकारात्मक कदम हैं. इसके अलावा इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी डेटा से भी लोगों को काफी उम्मीद है और यह सेंटीमेंट बाजार में दिख रहा है.

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Stock Exchange Kya Hai (स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है ?)

नमस्कार दोस्तों,आज बात करेंगे Stock Exchange के बारे में.और जानेंगे Stock Exchange Kya Hai, वो कैसे काम करता है ,भारत में कितने Stock Exchange है.इन सब सवालों के जवाब आज की इस पोस्ट में मिलने वाली है.

इन पोस्ट को भी जरूर पढ़े

Table of Contents

Stock Exchange Kya Hai(What Is Stock Exchange?)

Share market एक ऐसा ठिकान हे जहा कंपनियों के Securities (share, debenture,bonds) को ख़रीदा और बेचा जाता है,तो ये जो ठिकान/जगह है, जहा इन Securities को ख़रीदा और बेचा जाता है बस उसी ठिकान को ही Stock Exchange कहते है.

History of Stock Exchange

नीदरलैंड में साल 1602 में दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज Establish किया गया था,जिसे आज के टाइम Euronext Amsterdam Stock Exchange(EASE) के नाम से पहचाना जाता है.

पुराने टाइम पर Stock Exchnage में शेयर का लेन देन Certificate के फॉर्म में होता था, लेकिन आज के इंटरनेट के जमाने में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में किया जाता है.

Stock Exchange In India

वैसे तो भारत में Stock exchange की शुरुआत 1875 में की गई,लेकिन आज के टाइम हमारे भारत देश में सिर्फ 2 Main Stock exchange है.

  • BSE (Bombey S tock Exchange)
  • NSE (National Stock Exchange)

BSE-Bombey Stock Exchange

BSE इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा Stock exchange है,और इसका index सेंसेक्स है.

साल 9 July 1875 में BSE का उद्घाटन Mr. प्रेमचंद रॉय के हस्ते किया गया था.और वो उस टाइम Big Bull के नाम से जाने जाते थे. BSE की गिनती भारत के सबसे पुराने वाले Stock Exchange नहीं बल्की एशिया के सबसे पुराने वाले Stock Exchange में की जाती है.

अगर आपको BSE के बारे में और भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? जनना है तो उनके website के उपर जरूर visit करे,https://www.bseindia.com

NSE-National stock exchange

इंडिया का सबसे बड़ा Stock Exchnage NSE है,और उसका index Nifty है.

साल 1992 में NSE की शुरुआत भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? हो गई,और ये इकलौता ऐसा stock exchnage है इंडिया में जिस ने टाइम के हिसाब से अपने आप में बदलाव किए.उन मै से एक है इलेक्ट्रोनिक तरीके से shares को buy ओर sale करना.

ये भारत का पूरी तरह से पहला Fully computerized stock exchange है.

अगर आपको NSE के बारे में और जनना है तो उनके website के उपर जरूर visit करे,https://www.nseindia.com

कैसे NSE बना भारत का सबसे बड़ा Stock exchnage ?

तो इसका जवाब काफी आसन है,आज के टाइम shares का volume BSE से ज्यादा NSE पर होती है मतलब shares की जो खरीदी और बिक्री है वो BSE से ज्यादा NSE पर होती है,इसलिए NSE एक बड़ा stock exchnage है इंडिया में.

Stock exchnage के बारे में इतना सब जान लिया है, तो अब वाहा से share कैसे खरीद ते है ये भी जान लेते है.

शेयर खरीदने के स्टेप्स

Shares Kaise Kharide In Hindi ?

शेयर खरीदने के स्टेप्स को एक example के जरिए समझ ते है.ताकि आप और अच्छे से समझ सके.

Mr A🙋 को कुछ शेयर खरीदने है मार्केट से तो,सबसे पहिले Mr A🙋 को Stock broker से अपना Trading और Demat अकाउंट ओपन करवाना होगा.

एक बार Mr A. ने Stock broker से अपना Trading और Demat अकाउंट ओपन करवा लिया, उसके बाद Mr A को अपने ट्रेडिंग अकांउट में कुछ पैसे डालने होंगे उसके बाद किसी एक शेयर को सेलेक्ट करके उसका ऑर्डर लगाना होगा.

फिर वो ऑर्डर ब्रोकर के पास जाता है,और वो ब्रोकर उस ऑर्डर को Stock exchnage में दे देता है,conformation के लिए

और जब ऑर्डर conform हो जाता है,तो ब्रोकर Mr A को बता देगा कि आपका ऑर्डर Confirm हो चुका है.

उसके बाद Mr A ने खरीदी हुई सारे शेयर की detail, ब्रोकर depository को देता है.& depository उसका E- Certificate बनाकर Mr A के Demat अकाउंट में जमा कर देता है.⬇️

Stock Exchange Kya Hai

शेयर खरीदने की प्रोसेस

भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है?

Fin Adviser

Fin Adviser

मॉयल के बारे में
  • त्वरित सम्पक
  • निगम के सामाजिक उत्तरदायित्व
  • सूचना का अधिकार
  • बिल स्थिति
  • भर्ती
  • इकाइयों का स्थान
  • प्रतिबंधित फर्मों की सूची
  • माल की मांग / आवश्यकता
  • कोविड

मॉयल एक अनुसूची "ए" मिनीरत्न श्रेणी-1की कंपनी है। इसे मूल रूप से वर्ष 1962 में मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था। इसके बाद,2010-11 वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी का नाम मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड से मॉयल लिमिटेड में बदल दिया गया।

मॉयल को मूल रूप से वर्ष 1896 में सेंट्रल प्रोस्पेक्टिंग सिंडिकेट के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे बाद में सेंट्रल प्रोविंस मैंगनीज अयस्क कंपनी लिमिटेड (CPMO) के रूप में बदल दिया गया जो एक ब्रिटिश कंपनी ब्रिटेन में निगमित हुई। 1962 में, भारत सरकार और CPMO के बीच एक समझौते के परिणामस्वरूप, सरकार द्वारा बाद की परिसंपत्तियों को ले लिया गया और सरकार के बीच 51% पूंजी के साथ मॉयल का गठन किया गया। भारत सरकार और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारें और शेष CPMO द्वारा 49% यह 1977 में था, शेष 49% शेयरधारिता सीपीएमओ से प्राप्त की गई थी और मॉयल इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में 100% सरकारी कंपनी बन गई थी।

वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान, मॉयल को 15 दिसंबर, 2010 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। लिस्टिंग के बाद, कंपनी में भारत सरकार की (71.57%) हिस्सेदारी भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? थी। महाराष्ट्र सरकार का (4.62%) और मध्य प्रदेश सरकार का (3.81%) और सार्वजनिक (20%)। वर्तमान में कंपनी की शेयरहोल्डिंग सरकार है। भारत का (53.35%), भारत सरकार महाराष्ट्र का (5.96%) और मध्य प्रदेश सरकार का (5.38%) और (35.31%) सार्वजनिक है।

वर्तमान में, मॉयल 11 खानों का संचालन करती है, सात महाराष्ट्र के नागपुर और भंडारा जिलों में और चार मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित हैं। ये सभी खदानें लगभग एक सदी पुरानी हैं। 4 को छोड़कर, बाकी खानों को भूमिगत विधि के माध्यम से काम किया जाता है। बालाघाट खदान कंपनी की सबसे बड़ी खदान है। खदान अब सतह से लगभग 383 मीटर की गहराई तक खनन कर चुकी है। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में स्थित डोंगरी बुज़ुर्ग माइन एक ओपेंनकास्ट खान है जो मैगनीज डाइऑक्साइड अयस्क का उत्पादन करती है जिसका उपयोग बैटरी उद्योग द्वारा किया जाता है। मैंगनीज ऑक्साइड के रूप में इस अयस्क का उपयोग पशु आहार और उर्वरकों के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में किया जाता है। MOIL भारत में डाइऑक्साइड अयस्क की कुल आवश्यकता का लगभग 50% पूरा करता है। वर्तमान में, वार्षिक उत्पादन लगभग 1.1 मिलियन टन है जो आने वाले वर्षों में बढ़ने की उम्मीद है।

मॉयल मैंगनीज अयस्क के विभिन्न ग्रेड का उत्पादन और बिक्री करता है जो निम्नलिखित हैं: -

• फेरो मैंगनीज के उत्पादन के लिए उच्च ग्रेड के अयस्क

• सिलिको मैंगनीज के उत्पादन के लिए मध्यम ग्रेड अयस्क

• गर्म धातु के उत्पादन के लिए आवश्यक ब्लास्ट फर्नेस ग्रेड अयस्क

• शुष्क बैटरी कोशिकाओं और रासायनिक उद्योगों के लिए डाइऑक्साइड।

मॉयल ने इलेक्ट्रोलाइटिक मैंगनीज डाइऑक्साइड (ईएमडी) की 1,500 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता का निर्माण करने के लिए स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक संयंत्र स्थापित किया है। इस उत्पाद का उपयोग सूखी बैटरी कोशिकाओं के निर्माण के लिए किया जाता है। कंपनी द्वारा उत्पादित EMD अच्छी गुणवत्ता और अच्छी तरह से बाजार द्वारा स्वीकार किया जाता है। मॉयल में फेरो मैंगनीज संयंत्र है जिसकी क्षमता 12,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है।

गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए, मॉयल ने नागदा हिल्स में 4.8 MW विंड एनर्जी फ़ार्म और मध्य प्रदेश देवास जिला के रेतड़ी हिल्स में 15.2 MW विंड फ़ार्म स्थापित किए हैं।

सिर्फ 14% भारतीयों को शेयर बाजार पर भरोसा, कोरोना संकट के बीच 70 फीसद नए निवेशक जुड़े

शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है। शायद यही वजह है कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार में सबसे कम निवेश करते हैं। शेयर ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 14 फीसदी.

सिर्फ 14% भारतीयों को शेयर बाजार पर भरोसा, कोरोना संकट के बीच 70 फीसद नए निवेशक जुड़े

शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है। शायद यही वजह है कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार में सबसे कम निवेश करते हैं। शेयर ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 14 फीसदी भारतीय ही शेयर बाजार में निवेश करते हैं। वहीं, शेयर बाजार में निवेश के मामले में सबसे ऊपरी पायदान पर अमेरिका है। अमेरिका के 45.5 फीसदी लोग शेयर बाजार में मोटे रिटर्न पाने के लिए निवेश करते हैं।

अमेरिका के बाद स्पेन, कनाडा और चीन का स्थान है। रिपोर्ट में चीन, ताइवान और भारतको छोड़कर सभी देशों भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? के कैलेंडर वर्ष 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी परिवारों में जोखिम लेने की क्षमता दुनिया के अन्य प्रमुख देशों की तुलना में अधिक है। कनाडा और स्पेन दो अन्य देशहैं जहां के लोगों ने अपनी कुल संपत्ति का एक तिहाई से अधिक बाजार में लगा रखा है।

सेबी ने बदले नियम, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा

सेबी ने 1 सितम्बर से मार्जिन के नियम बदल दिए हैं। अब शेयर बाजार में कैश सेगमेंट में भी अपफ्रंट मार्जिन लगेगा। मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है। अब इसमें कम से कम 22 फीसदी मार्जिन देना होगा। विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा करने में मदद मिलेगी। इससे बाजार में छोटे निवेशक भी रुख करेंगे, जिससे बाजार में तेजी लौटने में मदद मिलेगी। साथ ही बड़ा-उतार चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा।

निवेशकों इस तरह फायदा मिलेगा

सेबी के नए नियम के बाद शेयर निवेशक के डीमैट खाते में ही रहेंगे। ब्रोकर इन सिक्योरिटी या शेयर का दुरुपयोग नहीं कर सकेगा। एक क्लाइंट के शेयर को गिरवी रखकर दूसरे क्लाइंट की मार्जिन बढ़ाना उनके लिए संभव नहीं होगा। मौजूदा गिरवी सिस्टम में शेयर ब्रोकर के कोलेटरल अकाउंट में होते थे, इसलिए उस पर मिलने वाले डिविडेंड, बोनस, राइट्स आदि का लाभ ब्रोकर उठा लेता था। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सभी शेयरों पर प्लेज की अनुमति होगी क्योंकि कुछ ब्रोकर एक्सचेंज से अनुमति होने के बाद भी कई सिक्योरिटी पर प्लेज स्वीकार नहीं करते थे।

छोटे निवेशकों का बाजार में बढ़ा निवेश

कोरोना संकट के कारण बाजार में बड़ी गिरावट का फायदा उठाने के लिए छोटे निवेशकों ने अपना निवेश इक्विटी में बढ़ाया है। छोटे निवेशकों ने एनएसई पर सूचीबद्ध 1,018 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इस मौके का फायदा उठाकर कंपनियों के प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। निजी कंपनियों के में प्रमोटर्स का स्वामित्व बढ़कर 44.43 प्रतिशत के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

युवाओं ने थामा बाजार का मोर्चा

कोरोना महामारी के कारण घर में भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है? बंद युवाओं से भारतीय शेयर बाजार को बड़ा सहारा मिला रहा है। पूजी बाजार नियामक सेबी के डाटा के अनुसार, अप्रैल से लेकर 30 जून तक 24 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं। वहीं, बीते छह महीने में 39 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं जिससे कुल खातों की संख्या बढ़कर 4.32 करोड़ हो गई है। रिपोर्ट से यह साफ पता चला है कि मौजूदा समय में शेयर बाजार में दिलचस्पी लेने में सबसे आगे वो युवा निवेशक हैं।

इसके बावजूद सिर्फ 14 फीसदी भारतीय

निवेश करने वाले लोग (% में)


स्रोत: मोतीलाल ओसवाल

अमेरिकी का 43 खरब डॉलर का निवेश

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी परिवारों का शेयर बाजार में 43 खरब डॉलर का निवेश है। वहीं, अमेरिकी परिवारों का कुल निवेश 94 खरब डॉलर का है जो अमेरिकी जीडीपी का 440 फीसदी है। यह निवेश शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सेवानिवृत्त फंड में किया गया है। अमेरिकी परिवारों का संपत्तियों में इक्विटी का हिस्सा 2008 में 33 फीसदी के बढ़कर 2019 में 45.5 फीसदी पर पहुंच गया है।

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